जिसका डर था वही हुआ। टीम इंडिया डिफेंड करते हुए एक और टी-20 हार गई। वेस्टइंडीज ने तिरुवनंतपुरम में 8 विकेट से जीत दर्ज की। फैन्स हार से निराश हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स ज्यादा सरप्राइज नहीं हुए। अगर टीम का यही हाल रहा तो अगले साल होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में बहुत मुश्किल हो सकती है। हाल ही में बांग्लादेश ने भी इंडिया को टी-20 में आईना दिखाया था। इंडिया टी20 हार कारण क्या रहे, आइए जानते हैं…
इंडिया टी20 हार कारण 1
घटिया फील्डिंग
इंडिया की हार का सबसे बड़ा कारण उसकी फील्डिंग रही। पहले मैच में भी फील्डिंग का स्तर बेहद खराब था। अहम मौकों पर कैच छूटे, मिसफील्ड हुआ। जहां 2 रन मिलने थे, वहां हमारे फील्डर्स ने बाउंड्री दीं।
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ऐसा नहीं कि कैरिबियाई टीम रन चेज में एक्सपर्ट है। अबतक वेस्टइंडीज ने 60 मैचों में टारगेट का पीछा किया है। इसमें से कुल 25 मौकों पर वो जीती है। 31 मैचों में वो हारी है।
यही नहीं, उसने पिछले दो सालों में पहली बार 170+ का टारगेट अचीव किया। लास्ट टाइम जुलाई 2017 में उसने 194/1 बनाए थे। हमारे फील्डर्स ने उनकी राह आसान बना दी।
सुंदर ने छोड़ा कैच
मैच के 5वें ओवर में कैच का मौका था। भुवनेश्वर कुमार की बॉल को लेंडल सिमन्स ने मिड-ऑफ पर खेला। गेंद उनके बैट के सबसे निचले हिस्से पर लगी और हवा में उछली। उस एरिया में फील्डिंग कर रहे वॉशिंगटन सुंदर बॉल के डायरेक्शन में दौड़े। गेंद उनके हाथ में आई… और फिसल गई।
रिजल्ट – सिमन्स 67 रन बनाकर नॉटआउट रहे।
फिर विकेट के पीछे छूटा मौका
उसी ओवर की चौथी बॉल पर एविन लुईस ने खराब शॉट खेला। विकेट के पीछे ऋषभ पंत के पास मौका था। लेकिन वे डाइव लगाने में लेट हुए और कैच छूट गया।
रिजल्ट – लुईस ने 40 रन की क्विक इनिंग खेली।
जडेजा की मिसफील्डिंग
9वें ओवर में लेंडल सिमन्स ने बेहतरीन शॉट लगाया। जडेजा पॉइंट पर फील्डिंग कर रहे थे। गेंद उनकी तरफ आई। लेकिन वे चूक गए। बॉल उनके पैरों के बीच से निकली और चौका पड़ गया।
कैच टपका, मैच टपका
17वां ओवर, दीपक चाहर के हाथ में गेंद। दूसरी बॉल पर उन्होंने पूरण को खराब शॉट खेलने पर मजबूर किया। गेंद हवा में थी। श्रेयस अइय्यर उसकी ओर लपके। गेंद उनकी हथेली को छूते हुए नीचे गिर गई। इस ड्रॉप ने मेजबान के हाथ से जीत भी छीन ली।
पूरन ने ही 19वें ओवर में चौका लगाकर अपनी टीम को जिताया। वे 38 रन बनाकर नॉटआउट रहे। इस खराब फील्डिंग ने इंडिया को मैच हरवाया।
कप्तान कोहली ने भी माना फील्डिंग खराब
विराट कोहली ने मैच के बाद कहा, “हमें 15 रन एक्स्ट्रा बनाने की जरूरत थी। लेकिन ऐसी खराब फील्डिंग हो तो कोई भी टोटल बड़ा नहीं। पिछले दो मैचों में फील्डिंग का स्तर गिरा है। हमने बॉलिंग अच्छी की। पहले 4 ओवरों में प्रैशर भी बनाया। लेकिन दो ड्रॉप कैचों ने मैच जीतने का चांस खत्म कर दिया। अगर वो कैच लपके जाते तो प्रैशर डेफिनेटली मेहमानों पर होता।” “हम कहां गलत हुए, इसका एनालिसिस जरूरी है। यह साफ है कि फील्डिंग में सुधार चाहिए।”
– कप्तान ने मैच के बाद कहा।
इंडिया टी20 हार कारण 2
फेल हुए अहम बैट्समैन
मानें या न मानें, इंडिया की बल्लेबाजी टी-20 में एवरेज हो चुकी है। कभी कोई एक बल्लेबाज अच्छी पारी जरूर खेल लेता है। लेकिन टीम मजबूत स्कोर बनाने में फेल हो रही है। रोहित शर्मा, विराट कोहली और लोकेश राहुल जैसे धुरंधर फेल हुए। रोहित ने 18 गेंदों में 15 रन बनाए, वहीं विराट ने 19 रन के लिए 17 गेंदें खेलीं। पिछले मैच में हाफ सेंचुरी लगाने वाले राहुल ने कुल 11 रन बनाए। टी-20 में ये तीनों इंडिया के अहम बैट्समैन हैं।
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खासकर कोहली फर्स्ट इनिंग में बुरी तरह फ्लॉप हैं। पिछले दो साल में उन्होंने 10 पारियां बैट फर्स्ट खेलीं। इनमें उनका औसत 26.11 का रहा। उन्होंने इसमें कुल एक हाफ सेंचुरी लगाई। वहीं टारगेट चेज करते हुए उनका एवरेज 93 का है। वे 9 में से 4 पारियों में नॉटआउट रहे। इन दो सालों में रन चेज करते हुए उन्होंने 4 हाफ सेंचुरी लगाई हैं।
कुल चार 200+ स्कोर
पिछले दो सालों में इंडिया ने 37 टी-20 खेले। इनमें से 18 मैचों में इंडिया ने पहले बैटिंग की। टीम ने कुल चार बार विपक्षी को 200+ रन का टारगेट दिया। टीम का हाईस्कोर 260/5 का रहा। इन चारों मैचों में टीम को जीत मिली है।
टीम के लिए विनिंग स्कोर 167+ रन का रहा। हालांकि 4 मौकों पर टीम 170+ रन बनाकर भी हारी है। टीम को पहली पारी में बल्लेबाजी करते हुए दिक्कत हो रही है।
धोनी की कप्तानी में बेहतर था डिफेंस
टी-20 में इंडिया के परफॉर्मेंस को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है। पहला धोनी एरा और दूसरा कोहली एरा। धोनी की कप्तानी में टीम का रन डिफेंस बेहतर था। टीम ने पहले बैटिंग करते हुए 36 मैच खेले। इनमें से 19 में टीम को जीत मिली। वहीं 15 में हार। विन-लॉस रेश्यो 1.266 का रहा।
वहीं विराट की कप्तानी में टीम ने 17 मैच बैट फर्स्ट किया। इनमें से 8 में जीत और 9 में हार मिली। विन-लॉस रेश्यो 0.88 का रहा।
रन चेज के मामले में कोहली बेहतरीन हैं। उनकी कप्तानी में टीम ने 12 मैचों में रन चेज किया। इनमें से 9 में जीत और 2 में हार मिली। विन-लॉस रेश्यो 4.5।
धोनी की कप्तानी में टीम ने 36 मैचों में पहले फील्डिंग की। इनमें से टीम 22 बार सक्सेसफुल रही। वहीं 13 बार टीम को हार मिली। विन-लॉस रेश्यो 1.692।
सीरीज का डिसाइडर मैच मुंबई में 11 दिसंबर को होगा। इसके तुरंत बाद दोनों टीमों के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज भी खेली जाएगी।