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1st वनडे में इंडिया ढेर, ये रहे हार के 3 कारण

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शिमरॉन हेटमायर की ब्रिलियेंट नॉक ने वेस्ट इंडीज को जीत दिला दी। मुकाबला चेन्नई के चेपॉक में था। मेजबान ने पहले बैटिंग कर 288 का टारगेट रखा। ऐसा लग रहा था कि भारतीय गेंदबाज आसानी से इसे डिफेंड कर लेंगे। लेकिन कैरिबियाई बैट्समैन उम्मीद से बेहतर खेले। हेटमायर ने 139 रन बनाए। शाई होप 102 बनाकर नॉटआउट रहे। कप्तान विराट कोहली सिर्फ हाथ मलते रह गए। सीरीज में 0-1 से पिछड़ने के तीन अहम कारण रहे। आइए जानते हैं टीम इंडिया हार कारण…

सुपरफ्लॉप हुआ टॉप ऑर्डर

पहला कारण – वनडे में बड़े स्कोर का बेस टॉप ऑर्डर बैट्समैन रखते हैं। इंडिया के लिए यहीं से मैच कमजोर पड़ गया। ओपनर लोकेश राहुल 6 और कप्तान विराट कुल 4 रन बनाकर आउट हुए। दोनों को शेलडन कॉटरेल ने एक ही ओवर में निपटाया। 

ऐसा लग रहा था कि रोहित जिम्मेदारी से खेलेंगे। लेकिन 56 गेंदें खेलने के बाद कुल 36 रन बना वे भी पवेलियन लौट गए। इतनी बॉल फेस करने के बाद उन्हें टिककर खेलने की जरूरत थी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

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वनडे में जब-जब इंडिया का टॉप ऑर्डर फेल हुआ, टीम को हार मिली। 94 मैचों में इंडिया के टॉप 3 विकेट 50 से कम के स्कोर पर गिरे। (पहले बैटिंग करते हुए)। इनमें से 61 मैचों में टीम हारी है।

मैच के बाद खुद कप्तान कोहली ने भी इस बात को स्वीकारा। उन्होंने कहा, “मैं और रोहित दोनों ही क्लिक नहीं हुए। इससे टीम स्कोर पर फर्क पड़ा।”

लास्ट 10 ओवरों में भी फ्लॉप

दूसरा कारण – वनडे में शुरुआती और लास्ट के 10-10 ओवर अहम होते हैं। दोनों ही मोर्चों पर टीम फ्लॉप हुई। इंडियन इनिंग की ढलान 40वें ओवर से शुरू हुई। ऋषभ पंत ने करियर की पहली फिफ्टी लगाई। उन्हें जरूरत थी धोनी की तरह मैच फिनिश करने की। लेकिन वे 40वें ओवर में अपना विकेट गंवा बैठे। उन्हें कायरन पोलार्ड ने आउट किया। 

अंतिम 10 ओवरों में इंडिया ने कुल 71 रन बनाए। साथ ही 3 विकेट भी गंवा दिए। सबसे बड़ा झटका 48वें ओवर में लगा। इस ओवर में केदार जाधव और जडेजा दोनों आउट हुए। दोनों ही सेट बैट्समैन थे। यदि ये नॉटआउट रहते तो स्कोर निश्चित 300-310 के बीच रहता।

वहीं दूसरी तरफ वेस्ट इंडीज ने बेहद समझदारी से खेला। उसने पूरे रन चेज में कुल 2 विकेट गंवाए। 

फील्डर्स बोले- ‘जा शिमरॉन, जा… मार ले बड़ी सेंचुरी’

तीसरा बड़ा कारण – इंडियन फील्डिंग एक बार फिर खराब रही। अहम मौकों पर दो कैच छूटे। पहला जीवनदान मिला शाई होप को। कुलदीप यादव ने अपने पहले ओवर में कुल 4 रन दिए थे। 11वें ओवर में उन्होंने होप को अपनी फिरकी में फंसाया। बॉल होप के बैट को छूती हुई स्लिप की तरफ गई। रोहित शर्मा ने उसे लपकने की कोशिश की, लेकिन फेल हुए। तब होप ने कुल 10 रन स्कोर किए थे। इस ड्रॉप कैच को उन्होंने जमकर कैश किया। वे 102 रन बनाकर नॉटआउट रहे।

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दूसरा जीवनदान मिला शिमरॉन हेटमायर को। ऐसा लगा इंडियन फील्डर्स कह रहे हों- ‘जा शिमरॉन, जा… मार ले बड़ी सेंचुरी’। 35वें ओवर में दीपक चाहर की बॉल पर उन्होंने खराब शॉट खेला। गेंद हवा में थी और श्रेयस अईय्यर उसके नीचे। लेकिन वे कैच नहीं पकड़ पाए। 

हेटमायर ने तब तक 107 रन बनाए थे। वे 138 रन बनाकर आउट हुए। उन्होंने अपनी पारी में 11 चौके और 7 छक्के लगाए। वे प्लेयर ऑफ द मैच भी रहे।

गलत साबित हुआ कोहली का कैल्कुलेशन

कप्तान विराट ने पहले टॉस हारा, फिर मैच। जब कैरिबियाई कप्तान ने बॉलिंग चुनी तो कोहली काफी खुश नजर आए थे। उनका मानना था कि स्पाइक्स से ड्राय विकेट खराब हो जाएगा। इसका फायदा उनके बॉलर्स को मिलेगा। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। मेहमान बल्लेबाजों ने जमकर रन बरसाए।

इंडिया की शुरुआत खराब रही। पहला विकेट 6.2वें ओवर में गिरा। लोकेश राहुल को कॉटरेल ने हेटमायर के हाथों कैच करवाया। वे 6 रन बना सके। कोहली ने अपना खाता चौके से खोला, लेकिन अगली ही गेंद पर आउट हो गए। कॉटरेल ने उसी ओवर की लास्ट बॉल पर उन्हें आउट किया।

श्रेयस अईय्यर ने पंत के साथ मिलकर पारी संभाली। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 114 रन जोड़े। इसी साझेदारी से टीम 287/8 का सम्मानजनक स्कोर बना सकी। वेस्ट इंडीज के लिए कॉटरेल, पॉल और जोसेफ ने 2-2 विकेट झटके। कप्तान पोलार्ड को एक विकेट मिला।

कमजोर रही गेंदबाजी

इंडिया की बॉलिंग में पेनेट्रेशन की कमी नजर आई। पूरी पारी में बॉलर होप को आउट करने का तोड़ नहीं निकाल पाए। वहीं हेटमायर भी किसी भी बॉलर का सामना करते हुए दिक्कत में नहीं दिखे।

सबसे ज्यादा छक्के जडेजा की बॉल्स पर पड़े। उन्होंने 4 छक्के खाए। दीपक चाहर और कुलदीप यादव इकोनॉमिकल रहे, लेकिन विकेट नहीं निकाल सके। चाहर सिर्फ एक बल्लेबाज को आउट कर पाए। दूसरा विकेट शामी को मिला।

सीरीज का अगला मुकाबला 18 दिसंबर को विशाखापट्टनम में होगा। सीरीज में बने रहने के लिए टीम इंडिया को हर हाल में वह मैच जीतना होगा।

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