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कभी लाखों कमाता था क्रिकेटर, अब वैन चलाने को मजबूर

fazal subhan

पाकिस्तानी क्रिकेटर का पिकअप वैन चलाते हुए वीडियो वायरल हो रहा है। फजल सुभान नाम के क्रिकेटर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर यह वीडियो पोस्ट किया है। उसका कहना है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड द्वारा डिपार्टमेंटल क्रिकेट खत्म किए जाने की वजह से उसका यह हाल हुआ है। इससे पहले वह एक लाख पाकिस्तानी रुपए महीना कमा रहा था लेकिन अब महज 30-35 हजार की कमाई होती है। इतने में वह मुश्किल से परिवार का पेट भर पाता है। बता दें कि फजल एक टैलेंटेड क्रिकेटर है। वह फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डबल सेंचुरी लगा चुका है। टी-20 क्रिकेट में उसका स्ट्राइक रेट 131 का है। वह हबीब बैंक लिमिटेड के लिए खेलता था।

फजल का वीडियो पाकिस्तान क्रिकेट की खस्ता हालत बयां करता है। डिपार्टमेंटल क्रिकेट बंद करने का फैसला वहां के पीएम और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान के कहने पर लिया गया। इमरान के इस फैसले पर पूर्व क्रिकेटर्स ने विरोध जताया था, लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ। अब फजल जैसे कई क्रिकेटर मजदूरी करने को मजबूर हैं।

यह पहला मौका नहीं जब किसी क्रिकेटर को पैसे की तंगी की वजह से अलग नौकरी करनी पड़ी। तंगी से गुजरने वाले कुछ क्रिकेटर टैलेंट के दम पर हिट हो गए तो कुछ का करियर वहीं खत्म हो गया। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही क्रिकेटर्स के बारे में…

मिचेल जॉनसन – प्लंबिंग वैन ड्राइवर

ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज फास्ट बॉलर्स में शुमार मिचेल जॉनसन भी तंगी से गुजर चुके हैं। करियर के शुरुआत में चोटिल होने की वजह से उन्हें स्टेट टीम का कॉन्ट्रेक्ट खोना पड़ा था। घर खर्च चलाने के लिए उन्हें प्लंबिंग वैन ड्राइव करनी पड़ी थी। हालांकि उन्होंने मेहनत की और फिट होकर नेशनल टीम में जगह बनाई।

एडो ब्रांडेज – किसान

जिम्बाब्वे के पूर्व फास्ट बॉलर एडो ब्रांडेज क्रिकेटर बनने से पहले मुर्गी पालन का काम करते थे। इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायर होने के बाद वे ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट हो गए। वहां उन्होंने टमाटर की खेती शुरू की। वे आजतक टमाटर किसान हैं।

क्रिस केयर्न्स – क्लीनर

न्यूजीलैंड के बेहतरीन ऑलराउंडर्स में शुमार रहे क्रिस केयर्न्स भी तंगी का शिकार रहे। क्रिकेट करियर खत्म होने के बाद साल 2010 में वे दुबई में हीरे-जवाहरात के डीलर बन गए थे। लेकिन 2013 में लगे मैच फिक्सिंग के आरोपों ने उनकी इमेज धूमिल कर दी। वकीलों का खर्चा पटाते-पटाते वे दिवालिया हो गए। घर खर्च चलाने के लिए उन्हें ट्रांसपोर्ट कवर्स धोने का काम करना पड़ा।

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