टीम इंडिया टेस्ट में टॉप पर है। बैट्समैन हों या बॉलर, सभी बेहतरीन फॉर्म में हैं। क्रिकेट के शुरुआती दिनों में ऐसा नहीं था। विदेशी कंडीशन्स में खेलना बड़ी चुनौती था। टीम से जीत की उम्मीद ना के बराबर थी। उस दौर में भी कुछ खुशी के मौके आए। एक सवाल अकसर फैन्स पूछते हैं, टेस्ट में इंडियन्स की बेस्ट डबल सेंचुरी कौन-सी हैं। cricindianow ने एक ऐसी ही दो टॉप इंडियन डबल सेंचुरी सिलेक्ट की हैं। सेंचुरी तो वही होती है जो मैच जिता दे, या घर से बाहर नाक बचा ले। आइए देखें, कौन-सी डबल सेंचुरी हैं यादगार…
लक्ष्मण का ब्लास्ट
हारी हुई बाजी जीतने वाला ही बाजीगर है। साल 2001 में वीवीएस लक्ष्मण ने यही कारनामा किया था। इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच कोलकाता में मुकाबला था। मेजबान पहला मैच हारकर 0-1 से पीछे थी। ईडन गार्डेन्स मैदान पर मेहमान कप्तान स्टीव वॉ ने टॉस जीता। पहले बैटिंग चुनी और खुद सेंचुरी लगाकर टीम को 445 के स्कोर तक पहुंचाया। हरभजन सिंह ने 7 विकेट झटके। लेकिन 123 रन खर्च करने के बाद। ओपनर मैथ्यू हेडन ने 97 और जस्टिन लैंगर ने 58 रन बनाए। यहां तक तो ठीक था, पुछल्ले बैट्समैन जेसन गिलेस्पी ने भी 46 रन ठोके।
इंडिया की पहली पारी बेहद खराब रही। 6 बल्लेबाज 10 रन भी नहीं बना सके। लक्ष्मण 59 रन बनाकर हाई स्कोरर रहे। पूरी टीम महज 58.1 ओवरों में 171 पर ढेर हुई। टीम में निराशा बढ़ रही थी। लगा कि यह मैच भी हार जाएंगे। मेहमान कप्तान ने बड़ी शान से मेजबान को फॉलोऑन दिया। बस यहीं उनसे गलती हो गई।
मिला फॉलोऑन
फॉलोऑन खेलने उतरी इंडिया ने पहले विकेट के लिए 52 रन जोड़े। वार्न ने ओपनर सदगोपन रमेश को आउट कर पहला वार किया। जल्दी ही दूसरे ओपनर शिवसुंदर दास गिलेस्पी की बॉल पर हिट विकेट हो गए। मास्टर ब्लास्टर सचिन को गिलेस्पी ने अपना दूसरा शिकार बनाया। उनका विकेट गिरते ही ईडन गार्डेन्स में सन्नाटा पसर गया।
विकेटों के पतझड़ के बीच लक्ष्मण एक छोर संभाले थे। उन्होंने कप्तान सौरव गांगुली के साथ चौथे विकेट के लिए 117 रन जोड़े। गांगुली 48 रन बनाकर ग्लेन मैक्ग्राथ का शिकार बन गए। उनके बाद क्रीज पर आए राहुल द्रविड़। धीरे-धीरे लक्ष्मण ने द्रविड़ के साथ मिलकर पारी को संभाला। सचिन का विकेट गिरने के बाद जहां पारी से हार का खतरा मंडरा रहा था, उस मैच को लक्ष्मण ने जीत की ओर मोड़ दिया। उन्होंने द्रविड़ के साथ पांचवें विकेट के लिए 376 रन की पार्टनरशिप की। स्कोर 232/4 विकेट से 608/5 पहुंच गया।
लक्ष्मण ने 631 मिनट क्रीज पर बिताए। 281 रन की ऐतिहासिक पारी में 44 चौके लगे। उनके पार्टनर द्रविड़ भी क्रीज पर 446 मिनट रहे। उन्होंने 180 रन बनाए। इसी साझेदारी के दम पर इंडिया ने मेहमान टीम को 384 रन का टारगेट दिया। इंडिया वह मैच 4 विकेट से जीती और लक्ष्मण जीत के हीरो रहे।
रॉक सॉलिड द्रविड़
द्रविड़ ने अपने करियर में कई मैच विनिंग पारी खेलीं। लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ उसी के मैदान पर आई ये डबल सेंचुरी काफी स्पेशल थी। साल 2004 में इंडिया ऐतिहासिक पाकिस्तान टूर पर थी। तीन मैचों की सीरीज 1-1 से बराबरी पर थी। रिजल्ट के लिए सबकी निगाहें रावलपिंडी टेस्ट पर टिकी थीं। इंडियन कैप्टन गांगुली ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग चुनी। बॉलर्स ने कप्तान का साथ दिया। मेजबान की पहली पारी महज 224 रन पर सिमटी। पिच पेसर्स के लिए हेल्पफुल थी।
पाकिस्तानी अटैक में शोएब अख्तर और मोहम्मद शमी जैसे पेसर मौजूद थे। सीरीज के दो मैचों में हिट रहे ओपनर सहवाग पारी की पहली गेंद पर आउट हो गए। फिर क्रीज पर आए द्रविड़। उन्होंने एक छोर से पारी संभाली। ओपनर पार्थिव पटेल के साथ दूसरे विकेट के लिए 129 रन जोड़े। 49वें ओवर की पहली ही गेंद पर पटेल आउट हो गए। अगले ओवर में सचिन तेंडुलकर कुल 1 रन बनाकर शोएब अख्तर का शिकार बने। अब स्कोर 130/3 था।
द्रविड़ ने एक छोर से मोर्चा संभाला। उनके पार्टनर आउट होते रहे, लेकिन वे डटे रहे। राहुल ने 730 मिनट क्रीज पर बिताए। 270 रन की पारी में उन्होंने 34 चौके और 1 छक्का लगाया। वे 9वें विकेट के तौर पर इमरान फरहत की बॉल पर बोल्ड हुए। उनकी इसी पारी के दम पर इंडिया ने मैच इनिंग और 131 रन से जीता। साथ ही सीरीज पर 2-1 से कब्जा जमाया।