CricIndiaNow

क्रिकेट न्यूज से क्रिकेट रिकॉर्ड, मैच एनालिसिस, क्रिकेट क्विज और गॉसिप एक प्लेटफॉर्म पर।

Home » ind vs aus world cup: जब युवराज ने चटाई कंगारुओं को धूल

ind vs aus world cup: जब युवराज ने चटाई कंगारुओं को धूल

टीम इंडिया को 2011 वर्ल्ड कप जीते पूरे 11 साल हो चुके हैं। इतना समय बीत चुका है। लेकिन उस टूर्नामेंट के हर मुकाबले की यादें फैन्स के जहन में ताजा हैं। ind vs aus world cup क्वार्टरफाइनल सबसे खास था। 24 साल बाद टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को वर्ल्ड कप में हराया था। आइए जानते हैं उस खास वर्ल्ड कप मैच के फैक्ट्स…

किन टीमों को हराकर पहुंचे क्वार्टरफाइनल में?

2011 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया ग्रुप बी में थी। इंडिया का पहला मैच बांग्लादेश से था। महेंद्र सिंह धोनी की टीम ने पड़ोसियों को 87 रन से हराया। अगला मुकाबला इंग्लैंड से बेंगलुरु में था। सचिन तेंदुलकर ने उस मुकाबले में सेंचुरी लगाई। लेकिन इंग्लिश कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने सेंचुरी लगाकर मैच टाई करवा दिया।

अगले मुकाबलों में टीम इंडिया ने आयरलैंड और नीदरलैंड्स दोनों को 5-5 विकेट से हराया। नागपुर में साउथ अफ्रीकी टीम ने मेजबानों को शॉक किया। तेंदुलकर ने यहां भी शतक लगाया। लेकिन टीम मैच 3 विकेट से हार गई।

2011 वर्ल्ड कप के लास्ट ग्रुप मैच में इंडिया ने वेस्ट इंडीज को 80 रनों से पराजित किया। इसके साथ ही धोनी एंड कंपनी ने क्वार्टरफाइनल में अपनी जगह पक्की कर दी।

ind vs aus world cup रिकॉर्ड 2011 से पहले

टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रिकॉर्ड बेहद खराब था। 2011 से पहले ind vs aus world cup मुकाबलों में इंडियन टीम ने कुल 2 मैच जीते थे। आखिरी जीत साल 1987 के वर्ल्ड कप में मिली थी।

2011 से पहले हुए वर्ल्ड कप्स में दोनों टीमें 9 बार टकराई थीं। पहली मुलाकात 13 जून 1983 को नॉटिंघम में हुई थी। 1983 वर्ल्ड कप के उस मैच में इंडिया को 162 रन की करारी हार मिली थी। उसी वर्ल्ड कप में दोनों टीमें चेल्म्सफोर्ड के मैदान पर दोबारा भिड़ीं। इस बार कपिल देव की टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 118 रन से हराया।

1987 में भी दो ind vs aus world cup मैच हुए। पहला मैच चेन्नई में हुआ, जहां कंगारुओं ने 1 रन से हराया। उसके बाद दिल्ली में मेजबान टीम इंडिया ने 56 रन से जीत दर्ज की। फिर शुरू हुआ हार का सिलसिला। 1992, 1996 और 1999 में 1-1 बार और 2003 वर्ल्ड कप में दो बार ऑस्ट्रेलिया ने इंडिया को हराया।

टीम इंडिया के दिमाग में 2003 वर्ल्ड कप फाइनल की हार जरूर रही होगी। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उस मैच की गलतियों को ध्यान में रखते हुए ही गेम प्लान बनाया।

कंगारू बने टॉस का बॉस

साल 2011 का ind vs aus world cup मैच हुआ अहमदाबाद के मैदान पर। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। पोंटिंग ने बेहतरीन बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया। और 7 चौके व 1 छक्का लगाते हुए 104 रन की पारी खेली। ओपनर ब्रैड हैडिन ने भी 53 रन बनाए। उस मैच में कप्तान धोनी ने रेग्युलर बॉलर्स के साथ सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली तक से गेंदबाजी करवाई।

पोंटिंग और हैडिन की पारियों के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने 260/6 का स्कोर खड़ा किया। इंडिया के लिए आर अश्विन, जहीर खान और युवराज सिंह ने 2-2 विकेट लिए।

सस्ते में आउट हुए सहवाग

261 रन के टारगेट का पीछा करने उतरी इंडिया की शुरुआत अच्छी रही। सचिन और वीरेंद्र सहवाग ने पहले विकेट के लिए 44 रन जोड़े। सहवाग ने दो चौके जमाते हुए 15 रन बना लिए थे। लेकिन 9वें ओवर की पहली ही गेंद पर शेन वॉटसन ने उन्हें चलता किया। वॉटसन की बाउंसर पर पुल शॉट खेलते हुए वे स्क्वैयर लेग पर माइक हसी के हाथों लपके गए।

ये भी पढ़ें – वर्ल्ड कप के 3 हीरो… जिन्हें मिला गुमनामी का गम

सचिन ने ठोकी फिफ्टी

सहवाग के आउट होने के बाद सचिन तेंदुलकर ने मोर्चा संभाला। उन्होंने गौतम गंभीर के साथ दूसरे विकेट के लिए 50 रन जोड़े। सचिन ने 68 गेंदों में 7 चौकों की मदद से 53 रन बनाए।

19वें ओवर में शॉन टेट ने सचिन की पारी पर फुलस्टॉप लगाया। विकेटकीपर हैडिन ने उनका कैच लपका। सचिन के बाद बैटिंग के लिए आए विराट कोहली कुछ खास नहीं कर पाए। वे कुल 24 रन बनाकर डेविड हसी का शिकार बने।

गंभीर और युवराज बने जीत के हीरो

सचिन और कोहली के आउट होने के बाद गौतम गंभीर ने युवराज सिंह संग मोर्चा संभाला। उन्होंने 64 गेंदों में 2 चौकों की मदद से 50 रन बनाए। हालांकि, वे अनलकी रहे। 34वें ओवर में युवराज ने फर्स्ट स्लिप की तरफ शॉट खेला। गेंद ज्यादा दूर नहीं गई थी। लेकिन गंभीर दूसरे छोर से रन के लिए दौड़ पड़े।

डेविड हसी के खूबसूरत थ्रो से गंभीर रन आउट हुए। उनके बाद युवराज ने पारी संभाली। उन्होंने 65 गेंदों में 8 चौकों की मदद से नाबाद 57 रन बनाए। दूसरे छोर से उनका साथ दिया सुरेश रैना ने। दोनों के बीच नाबाद 74 रन की साझेदारी हुई।

48वें ओवर की चौथी गेंद पर युवराज ने चौका लगाकर टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाया। 24 साल के इंतजार के बाद ind vs aus world cup मैच में टीम इंडिया ने जीत हासिल की।

युवराज सिंह मैन ऑफ द मैच बने।

5वीं बार पहुंची इंडिया सेमीफाइनल में

यह पांचवां मौका था जब भारतीय टीम वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंची थी। पहली बार टीम 1983 वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल तक पहुंची थी। उस मैच में इंडिया ने इंग्लैंड को 6 विकेट से हराया था।

इसके बाद 1987, 1996 और 2003 के वर्ल्ड कप में इंडिया सेमीफाइनल तक पहुंची।

आंकड़ों का सोर्स – क्रिकइंफो

cricindianow

Back to top