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Ind vs SA ODI series में हार के 3 बड़े कारण, कहां हुई गलती?

Ind vs SA ODI series के लास्ट मैच में भी हमें हार मिली। अंतर भले ही 4 रन का था। एक पॉइंट पर लगा कि हम जीत भी सकते हैं। लेकिन अगर कुछ मैटर करता है तो वह है नतीजा। हम हार गए। लेकिन ऐसा क्या हुआ कि हम एक या दो नहीं, बल्कि सीरीज के तीनों ही मुकाबले गंवा बैठे। क्या इंडियन टीम इतनी फिसड्डी है। यह सिर्फ एक या दो खिलाड़ी नहीं, एक पूरे सिस्टम का फेलियर है। आइए, नजर डालते हैं टीम की हार के संभावित कारणों पर…

खूब खली रोहित की कमी

कोई खिलाड़ी जब औसत परफॉर्म करता है, तो उसकी जमकर आलोचना होती है। लेकिन उसकी अहमियत पता चलती है जब वो टीम से ही बाहर हो। हमारी टीम का वही मिसिंग पीस हैं रोहित शर्मा। वे चोट की वजह से पूरे टूर से बाहर रहे। पहले टेस्ट और फिर वनडे में उनकी कमी जमकर खली। लेकिन यहां हम बात करेंगे वनडे सीरीज की।

रोहित इंडिया के बेस्ट वनडे ओपनर्स में शुमार हैं। वे साल 2011 से लगातार इस रोल को निभा रहे हैं। उन्होंने शिखर धवन के साथ इंडिया को एक प्रॉमिसिंग ओपनिंग पेयर दिया है। तीनों वनडे मैचों में इंडिया की ओपनिंग पेयर कमजोर नजर आई। धवन ने अपनी तरफ से अच्छा काम किया, लेकिन उन्हें दूसरे छोर से ज्यादा साथ नहीं मिला।

इस सीरीज में रोहित की जगह ओपनिंग करने उतरे स्टैंड-इन कप्तान केएल राहुल। पहले वनडे में राहुल और धवन की जोड़ी ने कुल 46 रन जोड़े। दूसरे मैच में यह आंकड़ा बढ़कर 63 रन पहुंचा। लेकिन लास्ट वनडे में लुढ़ककर कुल 18 रन जा पहुंचा।

पिछले 5 साल में बतौर ओपनर रोहित ने वनडे में 4074 रन बनाए हैं। वहीं धवन ने इस दौरान 3184 रन बनाए हैं। ओवरऑल वनडे में वे वीरेंद्र सहवाग के रिकॉर्ड से कुल 2 रन दूर हैं। यही नहीं, वनडे में बतौर ओपनर इंडिया के लिए सर्वाधिक सेंचुरी लगाने में वे सिर्फ सचिन तेंदुलकर से पीछे हैं। सचिन के खाते में 45 हैं तो रोहित के नाम 27।

ऐसे में रोहित का चोटिल होना पूरी टीम को हर्ट कर गया।

कॉन्ट्रोवर्सी ने किया कबाड़ा

Ind vs SA ODI series से पहले विराट कोहली और कप्तानी की कॉन्ट्रोवर्सी पूरी टीम को आहत कर गई। क्रिकेटर्स भी आखिर इंसान हैं। पूरी मीडिया और फैन्स फोरम पर विराट कोहली की कप्तानी निशाने पर गई। उन्होंने खुद टी-20 की कप्तानी छोड़ी। फिर बीसीसीआई ने वनडे की कप्तानी से हटाया। जब टीम साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज हारी तो विराट ने वह कप्तानी भी छोड़ दी। इस पर सौरव गांगुली द्वारा उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजने का विचार करने की बात तक सामने आई। कहीं न कहीं, इन सब बातों से टीम के माहौल में अंतर आया।

विराट ने दो वनडे में पचासे तो जड़े, लेकिन वे टीम को जीत नहीं दिला सके। जिसके लिए वे जाने जाते हैं। फिर उनकी स्टंप पर बयानबाजी का विवाद भी ड्रेसिंग रूम पर असर डालता नजर आया। अगर टीम को इस साल होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप और अगले साल होने वाले वनडे वर्ल्ड कप में प्रदर्शन बेहतर रखना है, तो इन विवादों को जल्द निपटाना होगा।

टीम तभी एकजुट नजर आएगी, जब सभी खिलाड़ियों के मन में एकदूसरे के प्रति इज्जत होगी। बॉन्डिंग बेहतर करने के लिए टीम को काम करना होगा।

क्या कर रहे हैं कोच द्रविड़?

इस टूर से नए कोच राहुल द्रविड़ की भी परीक्षा शुरू हुई। हालांकि, कभी भारतीय बल्लेबाजी की रीढ़ रहे द्रविड़ कोच के रोल में कुछ खास करते नजर नहीं आ रहे। टेस्ट और वनडे दोनों में वे खिलाड़ियों को सही दिशा नहीं दे सके। मिस्टर परफेक्शनिस्ट की अगुवाई में भी खिलाड़ियों ने लगातार एक जैसी गलतियां की।

पहला उदाहरण अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा का फ्लॉप परफॉर्मेंस। इन दोनों ने टेस्ट सीरीज में बेहद निराश किया। पुजारा को कभी टीम का नया राहुल द्रविड़ कहा गया था। उन्हें टीम के नए मिस्टर डिपेंडेबल की तरह देखा जा रहा था। लेकिन वे आज भी किसी डेब्यूटांट की तरह बल्लेबाजी करते नजर आते हैं। वहीं रहाणे का भी वही हाल है। द्रविड़ इन दोनों को कोई तकनीकी मदद देते नहीं दिखे।

दूसरा उदाहरण रहे विकेटकीपर रिषभ पंत। पंत बल्ले से तो बेहतर हुए। दूसरे वनडे में उन्होंने 85 रन की पारी खेली। लेकिन वे रन चेज के दौरान पूरी तरह फ्लॉप दिखे। पहले वनडे में वे 16 रन बनाकर आउट हुए। तीसरे वनडे में वे खाता तक नहीं खोल पाए। यदि उनके बल्ले से 10-15 रन भी आए होते, तो इंडिया क्लीन स्वीप से बच सकती थी। यही नहीं, पंत ने विकेटकीपिंग में भी गलतियां कीं। दो मौकों पर उन्होंने वान डेर डुसैन के अहम कैच छोड़े। एक बार उन्होंने आसान स्टंपिंग भी मिस की। उनकी यही गलतियां टीम पर भारी पड़ीं।

द्रविड़ पंत की गलतियों को सुधारने में नाकामयाब रहे। वे खुद भी कीपिंग कर चुके हैं। ऐसे में वे पंत को गाइड कर सकते हैं। यह द्रविड़ की पहली ही सीरीज है। उम्मीद है कि वे रोहित शर्मा के साथ वैसी ही जोड़ी बनाएंगे जैसी कि धोनी-कर्स्टन और विराट-शास्त्री के बीच में रही।

ये हैं इंडिया की अगली चुनौतियां

इंडिया की अगली चुनौती वेस्ट इंडीज के खिलाफ घरेलू वनडे और टी-20 मैचों की सीरीज होगी। विंडीज 6-11 फरवरी के बीच इंडिया में 3 वनडे खेलेगी। उसके बाद 16-20 फरवरी के बीच 3 टी-20 मैच होंगे।

टीम का अगला मिशन श्रीलंका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज होगा। श्रीलंका मार्च में इंडिया में 2 टेस्ट और 3 टी-20 खेलेगी। जून में साउथ अफ्रीकी टीम इंडिया टूर पर आएगी। तब 5 मैचों की टी-20 सीरीज होगी।

जुलाई में इंडियन टीम इंग्लैंड टूर पर जाएगी। जहां उसे 3 टी-20 और 3 वनडे खेलने हैं। अक्टूबर में टीम टी-20 वर्ल्ड कप के लिए ऑस्ट्रेलिया जाएगी।

शेड्यूल का सोर्स – क्रिकइंफो

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