टीम इंडिया ने रांची टेस्ट में साउथ अफ्रीका को इनिंग और 202 रन से हराया। डबल सेंचुरी लगाने वाले रोहित शर्मा प्लेयर ऑफ द मैच और प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे। इस जीत के साथ ही फ्रीडम ट्रॉफी 3-0 से मेजबान के नाम हुई। इस सीरीज जीत में टीम के लिए 5 खिलाड़ी सुपरहीरो साबित हुए। कैप्टन कोहली एंड कंपनी ने मेहमान टीम को लगातार दबाव में रखा। आइए एक नजर डालते हैं इस वर्ल्ड रिकॉर्ड सीरीज जीत के हीरोज पर…
रो-हिट शर्मा
इस सीरीज से ओपनर के रोल में आए रोहित शर्मा जीत के सबसे बड़े हीरो रहे। पिच फ्लैट हो या बॉलर फ्रैंडली, हर ट्रैक पर उन्होंने बैट से रन बरसाए। विशाखापट्टनम टेस्ट की दोनों इनिंग्स में उन्होंने सेंचुरी लगाई। पुणे टेस्ट में टीम इनिंग्स से जीती। उसके बाद रांची में उन्होंने डबल सेंचुरी लगाई।
रांची में कंडीशन्स बॉलर्स के फेवर में थीं। फर्स्ट डे के पहले ही सैशन में इंडिया ने 3 विकेट गंवा दिए थे। ऐसे में रोहित शर्मा ने संयम के साथ पारी को संभाला। उन्होंने अजिंक्य रहाणे के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए 267 रन की पार्टनरशिप की। उसके बाद 5वें विकेट के लिए रवींद्र जडेजा संग 64 रन जोड़े। उन्होंने 255 गेंदों का सामना करते हुए 28 चौकों व 6 छक्कों से सजी 212 रन की पारी खेली। रोहित की इनिंग में एक प्लानिंग नजर आई। वे अपने गेमप्लान के अकॉर्डिंग खेलते रहे, जिससे टीम को फायदा हुआ।
मोहम्मद शमी
टीम की जीत में दूसरे हीरो रहे मोहम्मद शमी। स्पिनर्स फ्रेंडली पिच पर उन्होंने अपनी पेस और स्किल्स से मैच जिताए।
विशाखापट्टनम टेस्ट की सेकंड इनिंग में उन्होंने 5 विकेट झटके। उसके बाद पुणे टेस्ट में उन्होंने 3 विकेट लिए। विकेट कम थे, लेकिन अपने इकॉनमी रेट से उन्होंने साउथ अफ्रीकी बैट्समैन पर प्रेशर बनाया। जिसका फायदा उनके साथी गेंदबाजों को हुआ। रांची टेस्ट की फर्स्ट इनिंग में उन्होंने कुल 22 रन देकर 2 विकेट लिए। सेकंड इनिंग में वे और भी घातक नजर आए। उन्होंने कुल 10 रन देकर 3 बल्लेबाजों को आउट किया।
रवींद्र जडेजा का ऑलराउंड परफॉर्मेंस
टीम में बतौर ऑलराउंडर खुद को इस्टैब्लिश कर चुके रवींद्र जडेजा जीत के तीसरे बड़े हीरो रहे। उन्होंने बैट और बॉल दोनों से कॉन्ट्रिब्यूट किया। जडेजा ने 3 मैचों की सीरीज में 70.66 के एवरेज से 212 रन बनाए। रन बनाने के मामले में वे टॉप ऑर्डर बैट्समैन चेतेश्वर पुजारा से भी आगे रहे। उन्होंने 91 के हाईस्कोर समेत दो फिफ्टी लगाईं।
बॉल से भी वे सक्सेसफुल रहे। उन्होंने 30.69 के एवरेज से सीरीज में 13 विकेट लिए। बेस्ट परफॉर्मेंस 4/67 का रहा। उन्होंने अहम मौकों पर टीम को ब्रेकथ्रू दिलाया। फील्डिंग से भी टीम के लिए हेल्पफुल रहे।
आर अश्विन
एक साल बाद टीम में लौटे स्पिनर रविचंद्रन अश्विन सीरीज के लीडिंग विकेटटेकर रहे। उन्होंने 25.26 के एवरेज से 15 विकेट झटके। इसी सीरीज में उन्होंने सबसे तेज 350 टेस्ट विकेट के वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी की।
कप्तान विराट कोहली
कैप्टन कोहली एक बार फिर एग्जाम्पल के साथ लीड करते नजर आए। उनका कॉन्फिडेंस टीम के हर प्लेयर के अंदर नजर आया। शमी हों या उमेश यादव हर प्लेयर ने कप्तान की तारीफ की। कोहली ने पुणे टेस्ट में डबल सेंचुरी भी लगाई। 2015 से शुरू हुए जीत के सिलसिले में कोहली अहम कॉन्ट्रिब्यूटर रहे। वे मैच में एक्सपेरिमेंट्स करने में भी नहीं चूके। उन्होंने मिडिल ऑर्डर बैट्समैन रोहित शर्मा से ओपनिंग करवाई। यह फैसला सटीक बैठा और रोहित बेस्ट परफॉर्मर बने। उन्होंने पिच के अकॉर्डिंग प्लेयर्स का सिलेक्शन किया। जिसका फायदा टीम को हुआ।