2019 में कौन सा सेलेब सबसे ज्यादा सर्च किया गया? इसका रिजल्ट गूगल ने अनाउंस कर दिया है। वैसे तो इंडिया हर फॉर्मेट में आगे रही। सबसे ज्यादा वनडे जीते, टेस्ट में नंबर 1 बनी रही। वर्ल्ड कप हाथ से जरूर फिसला, लेकिन टीम हिट रही। कप्तान विराट कोहली और रोहित शर्मा बैटिंग के लिए चर्चा में रहे। लेकिन फिर भी युवराज सिंह गूगल सर्च में नंबर 1 रहे।
कहा क्रिकेट को अलविदा
युवराज पिछले दो साल से क्रिकेट से दूर थे। उन्होंने लास्ट इंटरनेशनल मैच जून 2017 में खेला। खुद को नजरअंदाज होता देख उन्होंने संन्यास का फैसला किया। युवराज ने इस साल जून में अपने रिटायरमेंट का ऑफीशियल अनाउंसमेंट किया। फेयरवेल स्पीच के दौरान वे भावुक भी हुए।
सिर्फ यही एक वजह नहीं रही युवी के मोस्ट सर्च्ड स्पोर्ट्सपर्सन बनने की। युवराज फैन्स के इमोशन्स से भी जुड़े हैं। कैंसर से रिकवरी के बाद वे क्रिकेट के सुपरहीरो की तरह उभरे। कीमोथैरेपी के बाद जब वे पहली बार इंटरनेशनल क्रिकेट में लौटे थे, तब भी उनका फैन्स ने जमकर स्वागत किया था।
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मुश्किल वक्त में किया था डेब्यू
युवराज सिंह ने करियर का पहला इंटरनेशनल मैच कठिन दौर में खेला। तब टीम मैच फिक्सिंग स्कैंडल से जूझ रही थी। टीम में विश्वास की कमी थी। सीनियर प्लेयर फिक्सिंग के आरोपी थे। ऐसे में युवराज ने कॉन्फिडेंस के साथ करियर का आगाज किया।
अक्टूबर 2000 में इंडिया आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी खेलने केन्या गई थी। प्रीक्वालिफाइंग राउंड के पहले मैच में सामना मेजबान से था। कप्तानी सौरव गांगुली के हाथ में थी। युवी को पहला मौका बॉल से मिला। उन्होंने 4 ओवर बॉलिंग की। इसमें एक ओवर मेडन रहा। युवी को बैटिंग का मौका नहीं मिल सका।
ऐसे शुरू हुआ युवा का ग्लोरियस वनडे करियर
युवराज को पहली बार बैटिंग का मौक टूर्नामेंट के क्वार्टरफाइनल में मिला। मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से था। ऑस्ट्रेलियाई खेमे में ब्रेट ली, मैक्ग्राथ जैसे धुरंधर शुमार थे। पहले बैटिंग करने उतरी टीम इंडिया ने अच्छी शुरुआत की। कप्तान गांगुली ने तेंडुलकर संग पहले विकेट के लिए 66 रन जोड़े। 12वें ओवर में ब्रेटली ने पहला वार किया। तेंडुलकर 38 रन बनाकर मार्टिन के हाथों लपके गए। अभी टीम का स्कोर 10 रन आगे बढ़ा था कि गिलेस्पी ने कप्तान को चलता कर दिया। मिस्टर डिपेंडेबल राहुल द्रविड़ भी 9 रन बनाकर गिलेस्पी का दूसरा शिकार बन बैठे।
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टीम मुश्किल में थी। 90 रन पर 3 अहम विकेट गिर चुके थे। ऐसे में मोर्चा संभाला 18 साल के युवराज ने। उन्होंने विकेट पतन के बीच एक छोर से पारी संभालकर रखी। युवी ने कुल 80 गेंदों में 84 रन बनाए। इसमें 12 चौके शुमार थे।
उन्होंने तेज पारी से टीम को 265/9 के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। बैट के बाद उन्होंने फील्डिंग से भी योगदान दिया। युवी ने वेंकटेश प्रसाद की गेंद पर इयान हार्वी का कैच लपका। माइकल बेवन अंगद के पैर की तरह क्रीज पर जम चुके थे। 32वें ओवर में युवी ने उन्हें रन आउट कर टीम की जीत का रास्ता खोल दिया। पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम 46.4 ओवरों में 245 रन पर सिमट गई। इंडिया 20 रन से विनर रही। मैन ऑफ द मैच युवराज सिंह को दिया गया।
वर्ल्ड रिकॉर्ड रहा करियर
युवराज ने करियर में 304 वनडे खेले। उन्होंने 14 सेंचुरी समेत 8701 रन बनाए। उनका हाई स्कोर 150 रन का रहा। यही नहीं, उन्होंने वनडे में 111 विकेट भी झटके। उन्होंने अपनी लेफ्ट आर्म स्पिन से कई अहम मौकों पर टीम को जीत दिलाई।
वनडे में 8000+ रन और 100+ विकेट जैसा रिकॉर्ड कुल 9 प्लेयर्स के नाम है। युवराज सिंह इस लिस्ट में छठे नंबर पर हैं।
जब खेली मैच विनिंग टेस्ट पारी
मौका था इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट। इंग्लिश टीम साल 2011 में इंडिया टूर पर थी। पहला टेस्ट चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में था। मेहमान टीम ने पहली पारी में 316 रन बनाए। ओपनर एंड्रयू स्ट्रॉस ने 123 रन बनाए थे।
इंग्लैंड के स्पिनर ग्रीम स्वान और मोंटी पानेसर ने दमदार बॉलिंग की। इंडिया की पहली पारी 241 रन पर सिमट गई। स्ट्रॉस ने दूसरी पारी में भी सेंचुरी लगाई। उनके साथ पॉल कॉलिंगवुड ने भी शतक जड़ा। इंडिया को फाइनल इनिंग में 387 रन का टारगेट मिला।
टीम की शुरुआत अच्छी रही। ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने साथी गौतम गंभीर संग 117 रन की पार्टनरशिप की। स्वान ने 23वें ओवर में सहवाग (66) को आउट किया। अभी टीम के स्कोर में 24 रन जुड़े थे कि द्रविड़ फ्लिंटॉफ की बॉल पर आउट हुए। 12 ओवर बाद गंभीर (83) का विकेट भी गिर गया।
टी-टाइम के बाद दिलाई जीत
सचिन तेंडुलकर एक छोर से मोर्चा संभाले थे। मैच के अंतिम दिन लंच तक टीम का स्कोर 213-3 था। लंच के बाद स्वान ने वीवीएस लक्ष्मण को आउट कर दिया। अब क्रीज पर आए युवराज सिंह। तीसरे सेशन में इंग्लैंड को नई बॉल मिल चुकी थी। चुनौती कड़ी थी, लेकिन युवी डिगे नहीं।
युवराज ने 131 गेंदों का सामना करते हुए 85* रन बनाए। उन्होंने अपनी पारी में 8 चौके और एक छक्का लगाया। उन्होंने शतकवीर सचिन के साथ नाबाद 163 रन की साझेदारी निभाई। सचिन भी 103 रन बनाकर नॉटआउट रहे। इस हाफ सेंचुरी से युवी ने टीम को मैच जितवाया।
वैसे युवराज ने अपने करियर में तीन टेस्ट सेंचुरी लगाईं। लेकिन टीम को जीत दिलाने के मामले में यह पारी सर्वश्रेष्ठ रही।
जब इंग्लैंड को याद दिलाई नानी
युवराज वर्ल्ड के इकलौते ऐसे बैट्समैन हैं, जिसने इंटरनेशनल टी-20 में लगातार 6 छक्के लगाए हैं। मौका था साल 2007 का टी-20 वर्ल्ड कप। 19 सितंबर 2007 को जो डरबन में हुआ, वह आज भी हर फैन को याद है। उस मुकाबले में युवी ने न सिर्फ मैच जितवाया, बल्कि दो धुआंधार वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाए।
इंडिया पहले बैटिंग कर रही थी। 18 ओवरों तक टीम का स्कोर 171/3 था। युवी 14 और कप्तान धोनी 7 रन पर बैटिंग कर रहे थे। तभी एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने युवी को उकसाने के लिए कुछ कहा। युवी को गुस्सा आया, और उन्होंने बल्ले से बदला लिया।
ऐसा रोमांचक था वो ओवर
पहली गेंद – 19वां ओवर करने आए स्टुअर्ट ब्रॉड। युवी ने पहली गेंद पर जोरदार छक्का लगाया। इस शॉट को देख कमेंटेटर रवि शास्त्री के मुंह से सिर्फ एक शब्द निकला, ‘वाह!’।
दूसरी गेंद – बैकवर्ड स्क्वेयर लेग बाउंड्री की ओर छक्का।
तीसरी गेंद – ब्रॉड ने शॉर्ट पिच डाली। एक्स्ट्रा कवर की ओर शॉट। बॉल स्कोरबोर्ड को पार करती सिक्स के लिए चली गई।
चौथी गेंद – ब्रॉड ने एंगल बदला। राउंड द विकेट बॉल। युवी ने बैकवर्ड पॉइंट की ओर छक्का लगाया।
पांचवीं गेंद – एक घुटना जमीन पर टेकते हुए मिडविकेट के ऊपर से छक्का लगाया। गेंद स्टैंड्स में दर्शकों के पास गिरी।
छठी गेंद – सभी की निगाहें इस वर्ल्ड रिकॉर्ड पर थीं। फर्स्ट क्लास मैच में लगातार 6 छक्के लगाने वाले रवि शास्त्री भी एक्साइटेड थे। युवी ने मिड ऑन बाउंड्री के पार छक्का लगाया। ये देख शास्त्री भी चिल्ला उठे। डरबन के सभी दर्शक अपनी सीट से उछल पड़े और युवराज के नाम के नारे लगाने लगे।
युवराज ने लास्ट ओवर में भी 1 छक्का लगाया। उन्होंने 14 मिनट में 16 गेंदों पर 3 चौकों व 7 छक्कों की मदद से 58 रन बनाए। उन्होंने 50 रन कुल 12 गेंदों में बनाए। यह टी-20 इतिहास की सबसे तेज फिफ्टी है। उनका वर्ल्ड रिकॉर्ड आज भी बरकरार है।
अपने इसी अंदाज की वजह से युवी मोस्ट पॉपुलर क्रिकेटरों में शुमार हैं। उनके रिटायरमेंट ने उन्हें गूगल पर विराट और रोहित शर्मा जैसे प्रेजेंट स्टार्स से आगे खड़ा कर दिया।