2 अप्रैल भारतीय क्रिकेट इतिहास के खास दिनों में शुमार है। इसी दिन 11 साल पहले हमने 2011 world cup final में श्रीलंका को हराया था। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने जब कुलसेखरा की गेंद पर छक्का लगाया। तो सवा करोड़ हिंदुस्तानियों के दिल एक साथ उछल पड़े। ऐसा लगा कि वानखेड़े स्टेडियम के मैदान पर जज्बातों का सैलाब उमड़ आया हो। फैन्स से लेकर खिलाड़ी तक, सभी की आंखें नम हो गईं। लेकिन ये आंसू खुशी के थे। ऐसी खुशी जिसका इंतजार हम 1983 वर्ल्ड कप के बाद से कर रहे थे। आइए, उसी ऐतिहासिक वर्ल्ड कप फाइनल की यादें ताजा करते हैं…
पाकिस्तान को धूल चटाकर पहुंचे थे फाइनल में
मैदान चाहे क्रिकेट का हो या जंग का। जब बात india vs pakistan की हो, तो बच्चे-बूढ़े सभी जोश से भर जाते हैं। 30 मार्च 2011 को मोहाली के मैदान पर भी कुछ ऐसा ही नजारा था। सचिन तेंदुलकर की बेहतरीन बल्लेबाजी (85 रन) और बेहतरीन गेंदबाजी के दम पर हमने पाकिस्तान को 29 रन से हराया था। इस जीत के साथ ही हम श्रीलंका के खिलाफ 2011 world cup final में पहुंचे।
टॉस हार से हुई जीत की शुरुआत
वानखेड़े के मैदान पर इंडिया और श्रीलंका आमने-सामने थीं। श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगकारा ने टॉस जीता। और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। भारतीय गेंदबाजों ने कसी हुई गेंदबाजी की। 7वें ओवर की पहली गेंद पर जहीर खान ने ओपनर उपुल थरंगा को पवैलियन पहुंचा दिया। अबतक श्रीलंका के कुल 17 रन ही बने थे।
फिर बोला जयवर्धने का बल्ला
पहला विकेट सस्ते में गिरने के बाद श्रीलंकाई बल्लेबाजों ने टिककर खेलना शुरू किया। तिलकरत्ने दिलशान (33 रन) और कप्तान संगकारा ने दूसरे विकेट के लिए 43 रन जोड़े। 17वें ओवर में हरभजन सिंह ने इस जोड़ी को तोड़ा। उन्होंने दिलशान को क्लीन बोल्ड किया।
अब क्रीज पर श्रीलंका की सबसे सफल जोड़ी थी। कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने। खासकर जयवर्धने ने तेजतर्रार बल्लेबाजी की। उन्होंने कुल 88 गेंदों में 13 चौके लगाते हुए नाबाद 103 रन बनाए। दूसरे छोर से विकेट गिरते रहे, लेकिन जयवर्धने अटल रहे।
कप्तान संगकारा ने 5 चौकों की मदद से 48 रन बनाए। लेकिन युवराज सिंह ने 28वें ओवर में उन्हें आउट कर फिफ्टी बनाने से रोका। पवैलियन लौटने से पहले संगकारा ने जयवर्धने के साथ 62 रन की साझेदारी निभाई।
श्रीलंका ने 50 ओवरों में 274/6 का स्कोर बनाया। इंडिया के लिए जहीर खान और युवराज सिंह ने 2-2 विकेट लिए। हरभजन सिंह को एक सफलता मिली। कप्तान धोनी ने नुवान कुलसेखरा (32) को रन आउट भी किया।
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दूसरी ही बॉल पर आउट हुए सहवाग
275 रन के टारगेट को हासिल करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत खराब रही। ओपनर वीरेंद्र सहवाग इंडियन इनिंग की दूसरी ही बॉल पर आउट हुए। उन्हें लासिथ मलिंगा ने बेहतरीन डिलिवरी पर LBW आउट करवाया।
इतना ही नहीं। 7वें ओवर में मलिंगा ने सचिन तेंदुलकर को भी पवैलियन भेज दिया। वे कुल 18 रन ही बना सके। वैसे तो 2011 world cup जीतना सचिन का सपना था। लेकिन फाइनल में वे 2 चौके लगाने से ज्यादा नहीं कर सके।
गौतम गंभीर ने कप्तान धोनी संग दिलाई जीत
india world cup 2011 जीती, इसमें अहम रोल रहा गौतम गंभीर का। उन्होंने सचिन-सहवाग जैसे सीनियर्स के आउट होने के बाद टीम को टारगेट तक पहुंचने में मदद की। गंभीर ने सचिन के साथ 30 रन, विराट कोहली के साथ 83 रन और कप्तान धोनी संग 109 रन की अहम साझेदारियां की।
गंभीर ने 122 गेंदों में 9 चौके लगाते हुए 97 रन बनाए। गौतम के मुताबिक वे 2011 world cup फाइनल में सेंचुरी लगा लेते, लेकिन धोनी ने उनका ध्यान भटका दिया। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, “मैं सेंचुरी के करीब जरूर था, लेकिन कितने रन बाकी थे। इसकी याद मुझे धोनी ने दिलाई। 42वें ओवर में उन्होंने मुझे बताया कि मैं सेंचुरी से 3 रन दूर हूं। यह सुनने के बाद मैं थोड़ा नर्वस हो गया और अपना विकेट गंवा बैठा।” गंभीर को थिसारा परेरा ने क्लीन बोल्ड किया था।
कभी नहीं भूलेगी युवराज-धोनी की पार्टनरशिप
2011 world cup final के 42वें ओवर में गंभीर आउट हुए। तब तक इंडिया का स्कोर 223/4 विकेट था। जीत के लिए 34 गेंदों में 52 रन की दरकार थी। ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया जीत के पास पहुंचकर हार जाएगी। लेकिन कप्तान धोनी ने युवराज सिंह के साथ मिलकर सवा करोड़ हिंदुस्तानियों का सपना सच कर दिया।
धोनी ने कुल 79 गेंदों में 8 चौके और 2 छक्के लगाते हुए नाबाद 91 रन बनाए। वहीं युवराज 2 चौकों की मदद से 21 रन बनाकर नाबाद रहे। दोने के बीच नाबाद 54 रन की साझेदारी हुई।
48वां ओवर खत्म होने के बाद इंडिया को कुल 5 रनों की दरकार थी। नुवान कुलसेखरा की पहली बॉल पर युवराज सिंह ने सिंगल लिया। अगली गेंद पर धोनी ने सस्पेंस खत्म करते हुए विनिंग छक्का लगाया। कमेंट्री बॉक्स में भी कमेंटेटर बोल उठे, “dhoni finishes off in style”।
कप्तान धोनी नाबाद 91 रन और एक रन आउट के लिए मैन ऑफ द मैच चुने गए। युवराज सिंह पूरे टूर्नामेंट में 362 रन बनाने के साथ 15 विकेट लेने के लिए प्लेयर ऑफ द सीरीज चुने गए।
world cup 2011 final scorecard कुछ ऐसा रहा-
प्लेयर | रन | कैसे गिरा विकेट |
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उपुल थरंगा | 2 (20 बॉल) | जहीर खान की बॉल पर वीरेंद्र सहवाग ने कैच लपका। |
तिलकरत्ने दिलशान | 33 (49 बॉल, 3 चौके) | हरभजन सिंह ने क्लीन बोल्ड किया। |
कप्तान संगकारा | 48 (67 बॉल, 5 चौके) | युवराज सिंह की बॉल पर धोनी ने लिया कैच। |
महेला जयवर्धने | 103* (88 बॉल, 13 चौके) | नॉटआउट |
थिलन समरवीरा | 21 (34 बॉल, 2 चौके) | युवराज ने LBW आउट किया। |
सी. कपूगेदरा | 1 (5 बॉल) | जहीर खान ने सुरेश रैना के हाथों कैच करवाया। |
नुवान कुलसेखरा | 32 (30 बॉल, 1-1 चौका छक्का) | धोनी ने रन आउट किया। |
थिसारा परेरा | 22 (9 बॉल, 3 चौके, 1 सिक्स) | नाबाद |
टोटल स्कोर – 274/6 (12 रन एक्स्ट्रा) | मलिंगा, सूरज रण्दीव, मुरलीधरन ने बैटिंग नहीं की। | |
जहीर खान – 2/60 श्रीसंथ – 0/52 | मुनाफ पटेल – 0/41 हरभजन सिंह – 1/50 | युवराज सिंह – 2/49 सचिन तेंदुलकर – 0/12 विराट कोहली – 0/6 |
प्लेयर | रन | कैसे गिरा विकेट |
---|---|---|
वीरेंद्र सहवाग | 0 (2) | मलिंगा ने पगबाधा आउट किया। |
सचिन तेंदुलकर | 18 (14 बॉल, 2 चौके) | मलिंगा ने संगकारा के हाथों कैच करवाया। |
गौतम गंभीर | 97 (122 बॉल, 9 चौके) | परेरा ने क्लीन बोल्ड किया। |
विराट कोहली | 35 (49 बॉल, 4 चौके) | दिलशान ने कॉट एंड बोल्ड किया। |
कप्तान धोनी | 91 (79 बॉल, 8 चौके, 2 सिक्स) | नॉटआउट। |
युवराज सिंह | 21 (24 बॉल, 2 चौके) | नॉटआउट। |
टोटल – 277/4 (15 एक्स्ट्रा रन) | सुरेश रैना, हरभजन सिंह, जहीर खान, मुनाफ पटेल और श्रीसंथ की बैटिंग नहीं आई। | |
इंडिया मैच 6 विकेट से जीती। | ||
मलिंगा – 2/42 | नुवान कुलसेखरा – 0/64 | थिसारा परेरा – 1/55 |
सूरज रण्दीव – 0/43 | दिलशान – 1/27 | मुथैया मुरलीधरन – 0/39 |